ड्रोन माउंटेड एमएमजी: भारतीय सेना को जल्द ही एक नया हथियार मिलने वाला है जो ड्रोन पर लगाया गया है। रक्षा मंत्रालय की तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ – टीसीएल, एडब्ल्यूईआईएल और एमआईएल – मिलकर एक ड्रोन माउंटेड मीडियम मशीन गन (एमएमजी) का नमूना तैयार कर रही हैं। यह ड्रोन माउंटेड एमएमजी 1800 मीटर तक फायरिंग कर सकती है, 40 मिनट तक उड़ सकती है और 10 किलोमीटर के दायरे में दुश्मनों का पता लगा सकती है। खास बात यह है कि यह ड्रोन -5°C से लेकर 55°C तक के तापमान में भी काम करने में सक्षम होगा। इसका परीक्षण जल्द शुरू होने वाला है, जिससे सेना की ताकत बढ़ेगी और इसे दूसरे देशों को बेचने का रास्ता भी खुलेगा।

- ड्रोन माउंटेड एमएमजी का प्रोटोटाइप तैयार, जो 1800 मीटर की दूरी तक फायरिंग करने में सक्षम है।
- -5°C से 55°C तक के तापमान में काम करने वाला ड्रोन, जो हिमालय से लेकर रेगिस्तान तक हर जगह ऑपरेशन कर सकता है।
- हाई-टेक कैमरे और सेंसर्स से लैस, जो छिपे दुश्मनों की पहचान कर सटीक हमला कर सकता है।
- तीन सरकारी कंपनियों (टीसीएल, एडब्ल्यूईआइएल, एमआइएल) का संयुक्त प्रयास, जल्द होगा फाइनल टेस्ट।
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को ब्रह्मोस मिसाइल और ड्रोन से दहला चुकी भारतीय सेना को अब एक और नया हथियार मिलने वाला है। यह हथियार ड्रोन पर लगाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय की तीन सरकारी कंपनियों ने इस ड्रोन माउंटेड एमएमजी वाले हथियार पर रिसर्च और विकास का काम शुरू कर दिया है। ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआईएल) और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) ने मिलकर ड्रोन पर लगाई जाने वाली मीडियम मशीन गन (एमएमजी) का पहला मॉडल तैयार कर लिया है।
टीसीएल द्वारा बनाया जा रहा यह ड्रोन दुश्मन के इलाके में 40 मिनट तक उड़ सकता है और 10 किलोमीटर के दायरे में 1800 मीटर की दूरी तक मशीन गन से फायरिंग कर सकता है। इसमें छिपे हुए दुश्मनों को पहचानने की भी खास तकनीक होगी। यह ड्रोन माउंटेड एमएमजी हाई-टेक कैमरों और सेंसर्स से भी लैस किया जाएगा, ताकि हर स्थिति में सही टारगेट की पहचान की जा सके।
टीसीएल के अधिकारी के मुताबिक, अभी तक दुनिया में सिर्फ तुर्किए और ऑस्ट्रेलिया के पास ऐसे ड्रोन हैं जो 400 मीटर की दूरी तक गोलियां चला सकते हैं। लेकिन भारत की रक्षा मंत्रालय की तीन पीएसयू कंपनियां अब इससे चार गुना ज्यादा रेंज वाली ड्रोन माउंटेड एमएमजी बना रही हैं। इससे सेना की फायर पावर तो बढ़ेगी ही, साथ ही इसे दूसरे देशों को निर्यात करने का रास्ता भी खुलेगा। टीसीएल कंपनी कानपुर की ओईएफ, हजरतपुर (फिरोजाबाद) यूनिट में महाप्रबंधक अमित सिंह की निगरानी में ऐसा ड्रोन तैयार हो रहा है, जो 35 किलो तक की मशीन गन लेकर उड़ सकेगा।
Drone Mounted MMG: हर मौसम में बरसेगी गोलियां, तैयार हुआ भारत का ड्रोन माउंटेड एमएमजी सिस्टम!
यह ड्रोन -5°C से लेकर 55°C तक के तापमान में काम कर सकता है। यानी यह सिस्टम बर्फीले हिमालयी इलाकों से लेकर तपते हुए राजस्थान के रेगिस्तान तक, हर मौसम और इलाके में दुश्मनों को मार गिराने में पूरी तरह सक्षम होगा। यह खासियत ड्रोन माउंटेड एमएमजी को और भी खतरनाक बनाती है।
एडब्ल्यूईआइएल कंपनी ड्रोन पर लगने वाली मशीन गन बनाएगी, जिसे कंट्रोल रूम से एक्सपर्ट्स की टीम चलाएगी। एमआइएल कंपनी इस मशीन गन में इस्तेमाल होने वाली गोलियां तैयार करेगी। अब जब इसका प्रोटोटाइप बन चुका है, तो जल्द ही तीनों कंपनियां मिलकर इसका टेस्ट भी शुरू करेंगी। इस पूरे मिशन का केंद्रबिंदु ड्रोन माउंटेड एमएमजी ही होगी।
भारतीय सेना की जरूरत के अनुसार इस ड्रोन में ज़रूरी बदलाव किए जाएंगे। जब इसका परीक्षण सफल हो जाएगा, तब यह ड्रोन माउंटेड एमएमजी सेना को सौंप दी जाएगी।
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