भारत अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है। दोनों देशों के बीच मिनी ट्रेड डील को लेकर बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है। समझौता हुआ तो कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और चमड़ा जैसे सेक्टरों को अमेरिका में टैक्स छूट मिल सकती है, जिससे भारतीय निर्यात को सीधा फायदा होगा।

- भारत-अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील की चर्चा तेज
- अगले हफ्ते समझौते का ऐलान संभव
- ट्रंप ने दिए बड़े व्यापार समझौते के संकेत
- टैक्स और शुल्क कम करने पर हो रही बात
भारत अमेरिका व्यापार समझौता जल्द संभव, ट्रंप ने दिए संकेत
भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते तक एक छोटा व्यापार समझौता (अंतरिम समझौता) हो सकता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि अमेरिका भारत के साथ एक बड़ा व्यापार समझौता करने की तैयारी में है।
हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बातचीत के दौरान भारत क्या रुख अपनाता है। इस व्यापार समझौते को लेकर बातचीत फिलहाल चल रही है। भारत की ओर से इस बातचीत का नेतृत्व राजेश अग्रवाल कर रहे हैं, जो इस समय अमेरिका में हैं। दोनों देश चाहते हैं कि बड़े व्यापार समझौते से पहले एक छोटा या अस्थायी समझौता कर लिया जाए, जिससे एक-दूसरे पर लगाए गए टैक्स और शुल्क से जुड़ी परेशानियों से बचा जा सके।
2 अप्रैल को अमेरिका ने भारत से होने वाले निर्यात पर 26% का जवाबी शुल्क (पारस्परिक टैक्स) लगाने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में इसे 8 अप्रैल से अगले 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। अब यह अवधि 8 जुलाई को खत्म हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने व्यापार समझौते को लेकर अपना पक्ष अमेरिका के सामने साफ कर दिया है। अब फैसला अमेरिका को लेना है। अगर अमेरिका भारत की बात मान लेता है, तो उम्मीद है कि अगले सप्ताह इस व्यापार समझौते का ऐलान हो जाएगा।
भारत-अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील की तैयारी, अगले हफ्ते हो सकता ऐलान
सूत्रों के मुताबिक, भारत कुछ कृषि उत्पाद जैसे सेब और पिस्ता को अमेरिका से बिना टैक्स (शुल्क मुक्त) आयात करने की मंजूरी दे सकता है। लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत सोयाबीन और मक्का जैसे फसलों के लिए भी अपना बाजार खोले।
हालांकि, अमेरिका का सोयाबीन जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) होता है, जिसे भारत अभी आयात की इजाजत नहीं देता। माना जा रहा है कि भारत सोया तेल और कुछ हद तक सोयाबीन और मक्का के आयात को मंजूरी दे सकता है।
इसके अलावा अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी कार, बाइक और शराब पर लगने वाले टैक्स को भी कम करे। साथ ही वह चाहता है कि भारत उससे बड़ी मात्रा में तेल, गैस, हवाई जहाज और रक्षा से जुड़ी चीजें खरीदे।
अगर भारत और अमेरिका के बीच यह अंतरिम समझौता (मिनी ट्रेड डील) हो जाता है, तो इससे भारत के कपड़ा, चमड़ा, गहने, इंजीनियरिंग सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर को फायदा मिलेगा। इन उत्पादों पर अमेरिका में लगने वाला टैक्स घट जाएगा, जिससे इनका निर्यात बढ़ सकता है और रोजगार भी बढ़ेगा।
अगर भारत अमेरिका व्यापार समझौता नहीं हुआ तो भी भारत को फिलहाल नुकसान नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी वजह से भारत और अमेरिका के बीच यह अंतरिम व्यापार समझौता नहीं हो पाता है, तो भी भारत को अभी कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। ऐसी स्थिति में उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका पारस्परिक शुल्क (retaliatory tariff) की समयसीमा को आगे बढ़ा सकता है। ऐसे में भारतीय उत्पादों पर अभी की तरह ही 10% टैक्स लगेगा। इससे भारत से होने वाला निर्यात और व्यापारिक ऑर्डर प्रभावित नहीं होंगे।
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