अयोध्या : मंदिर के प्रथम तल के दरवाजों और भगवान राम के सिंहासन में किया गया सोना का उपयोग

श्रीराम के मंदिर में 45 किलो सोना! जानिए कहां-कहां हुआ इस्तेमाल!
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में करीब 45 किलोग्राम खरा (24 कैरेट) सोना इस्तेमाल किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। यह जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को दी।
उन्होंने बताया कि यह सोना मुख्य रूप से मंदिर के भूतल पर बने विशाल दरवाज़ों और भगवान श्रीराम के सिंहासन पर लगाया गया है। इसके अलावा श्रीराम के पवित्र निशान भी सोने से सजाए गए हैं, जिससे मंदिर की दिव्यता और भव्यता और अधिक बढ़ गई है।
पहली मंजिल पर स्थापित मूर्तियों में बीच में स्थित है राम दरबार
नृपेंद्र मिश्रा बताया कि गुरुवार को प्रथम तल पर भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान के साथ सजे दिव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिविधान से संपन्न हुई।
राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव वेपत राय ने बताया कि गर्भगृह के ऊपर पहली मंजिल पर कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। बीच में भगवान श्रीराम, माता सीता, भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी के साथ राम दरबार है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व दिशा में शिवलिंग, दक्षिण-पूर्व में भगवान गणेश, दक्षिण दिशा के बीच में हनुमानजी, दक्षिण-पश्चिम में सूर्य देव, उत्तर-पश्चिम में भुवनेश्वरी माता और उत्तर दिशा के बीच में मां अन्नपूर्णा की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि कुछ हिस्सों, जैसे ‘शेषावतार मंदिर’ में अभी भी सोने का काम जारी है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं, जिससे अयोध्या का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया है।
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मुख्य ढांचा तैयार, बाकी निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा होगा
राम मंदिर का मुख्य ढांचा बनकर तैयार हो चुका है, जबकि संग्रहालय, सभागार, अतिथि गृह और अन्य हिस्सों का निर्माण कार्य अब भी जारी है। मंदिर परिसर का यह शेष कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई है।
राम दरबार के लिए जारी किए जा रहे सीमित और निःशुल्क पास
मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद, अब श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में केवल सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को ही राम दरबार में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए विशेष पास जारी किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह निःशुल्क होंगे। राम मंदिर ट्रस्ट के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अभी प्रतिष्ठित राम दरबार को आम जन के लिए पूरी तरह नहीं खोला गया है और दर्शन सीमित संख्या में ही संभव होंगे।