अमृत सरोवर योजना: पानी, सिंचाई और कमाई का जरिया!

गांवों में बना एक सरोवर, जो ला रहा है पानी की बचत, खेतों में हरियाली और घरों में कमाई – जानिए कैसे बदल रही है अमृत सरोवर योजना से गांवों की तस्वीर।


अमृत सरोवर योजना: पानी, सिंचाई और कमाई का जरिया!
अमृत सरोवर योजना के तहत बना ग्रामीण भारत का जल संरक्षण मॉडल

Highlight
  • अमृत सरोवर बना मछली पालन और जल संरक्षण का नया सहारा
  • अमृत सरोवर से दीदियों को रोजगार, गांवों को पानी की राहत
  • अमृत सरोवर: पर्यावरण, रोजगार और परिवार संग सुकून का नया ठिकाना
  • अमृत सरोवर से गांवों को मिली जल संकट से मुक्ति
राज्य के गांवों में बने अमृत सरोवर अब गांवों के विकास का नया केंद्र बनते जा रहे हैं।
अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत इन सरोवरों से एक ओर बारिश का पानी जमा कर खेतों की सिंचाई की जा रही है, तो दूसरी ओर मछली पालन से गांव की दीदियों को रोजगार मिल रहा है। इससे न केवल जल संरक्षण हो रहा है, बल्कि आजीविका के नए रास्ते भी खुल रहे हैं।
अमृत सरोवर योजना से दीदियों को रोजगार, गांवों को पानी की राहत
राज्य सरकार हर साल जीविका दीदियों को ₹5,000 की मदद दे रही है, जिससे वे अमृत सरोवर योजना के तहत बनाए गए सरोवरों में मछली पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। ये सरोवर 15वें वित्त आयोग के टाइड फंड की 30% राशि से बनाए गए हैं, जिन्हें ग्राम पंचायतों में पंचायती राज प्रतिनिधियों की निगरानी में तैयार किया गया है।
हर नए सरोवर का आकार करीब दो एकड़ 30 डिसमिल रखा गया है। इससे न सिर्फ भूजल स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि गांवों में जल संकट भी कम हुआ है।
अमृत सरोवर योजना: पर्यावरण, रोजगार और परिवार संग सुकून का नया ठिकाना

राज्य के गांवों में बने अमृत सरोवर अब सिर्फ जल संचयन का साधन नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाने वाले केंद्र बन गए हैं। इन सरोवरों के चारों ओर मियावाकी (जर्मन तकनीक) से बरगद और पीपल जैसे छायादार व पर्यावरण हितैषी पेड़ लगाए जा रहे हैं। इन वृक्षों की छांव में लोग गर्मी से राहत पाते हैं और अब यह स्थान गांव के लोगों के लिए आराम, मुलाकात और परिवार संग समय बिताने का नया ठिकाना बन गया है।
शाम के समय लोग इन सरोवरों के किनारे बच्चों के साथ टहलते हैं, बातचीत करते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं।


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गौरतलब है कि राज्य में अब तक कुल 2,613 अमृत सरोवरों का निर्माण अमृत सरोवर योजना के तहत हो चुका है, जो न केवल जल संरक्षण बल्कि ग्राम्य जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इसकी विस्तृत जानकारी भारत सरकार के पोर्टल https://amritsarovar.gov.in पर उपलब्ध है

अमृत सरोवर योजना से गांवों को मिली जल संकट से मुक्ति

राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि गांवों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ जल की कमी का सामना न करना पड़े। इसी उद्देश्य से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में पारंपरिक जलस्रोतों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत अब तक राज्य की विभिन्न पंचायतों में 25,262 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार और 18,526 सोख्ता निर्माण कार्य पूरे किए जा चुके हैं।

इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर को सुधारना और जल के सतत उपयोग को सुनिश्चित करना है। यह पूरी योजना 15वें वित्त आयोग द्वारा प्रदान की गई राशि से संचालित की जा रही है। इसके तहत सिर्फ पारंपरिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित ही नहीं किया जा रहा, बल्कि पंचायत सरकार भवनों, जिला पंचायत संसाधन केंद्रों और अन्य सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन की संरचनाएं भी बनाई जा रही हैं।

इन प्रयासों से गांवों को जल संकट से राहत मिल रही है और पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती मिल रही है।

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