हिमाचल प्रदेश बादल फटने की खबर ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। तेज बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कांगड़ा और कुल्लू में तबाही मचाई है, जहां अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है और कई लापता हैं। जानिए कैसे एक ही दिन में हिमाचल का मौसम काल बन गया।

Highlight
- कांगड़ा जिले की खड्ड में आई बाढ़, दो मजदूरों के शव मिले
- करीब 20 मजदूर अब भी लापता, राहत-बचाव अभियान जारी
- कुल्लू में चार जगहों पर बादल फटने से भारी नुकसान
- तीन लोग पानी में बह गए, कई घर और वाहन क्षतिग्रस्त
- मणिकार्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बाढ़ से वाहन फंसे
हिमाचल प्रदेश बादल फटने की खबर सामने आई है, जिसमें तेज बारिश के कारण तीन लोगों गई की जान और कई लापता
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को तेज मानसूनी बारिश ने भारी तबाही मचाई। प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से तीन लोगों की जान चली गई और कुछ लोग बह गए। दो लोगों की मौत कांगड़ा में और एक की चंबा में हुई। सबसे ज्यादा नुकसान कांगड़ा और कुल्लू जिलों में हुआ है।
कांगड़ा के खनियारा इलाके में मनूनी खड्ड (छोटी नदी) में बाढ़ आने से इंदिरा प्रियदर्शिनी जल विद्युत प्रोजेक्ट में काम कर रहे करीब 20 मजदूरों के बहने की आशंका है। अब तक दो लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि खड्ड में गलत तरीके से मलबा फेंका गया था। मजदूरों के रहने के शेड भी खड्ड के बिलकुल किनारे बनाए गए थे।
उधर, कुल्लू जिले में चार जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिससे काफी नुकसान हुआ है और तीन लोग पानी में बह गए। वहीं चंबा में पहाड़ी से गिरते पत्थरों से बचने की कोशिश में एक कार गहरी खाई में गिर गई, जिससे एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई।
खनियारा में स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी जल विद्युत परियोजना में भारी बारिश की वजह से काम रोक दिया गया था। इस प्रोजेक्ट में काम करने वाले करीब 280 मजदूर शेडों और खड्ड के आसपास ही रह रहे थे। बारिश के दौरान मनूनी खड्ड और नाले का तेज बहाव अचानक मजदूरों के शेडों की ओर मुड़ गया, जिससे वहां खतरा और बढ़ गया।
बहाव में बहे अधिकतर मजदूर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले बताए जा रहे हैं। अब तक दो मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन उनकी पहचान अभी नहीं हो सकी है। घटनास्थल पर प्रशासन, स्थानीय लोग और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मिलकर राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। सभी प्रयास तेज़ी से किए जा रहे हैं ताकि बाकी लापता लोगों को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके।
कांगड़ा के डीसी हेमराज बैरवा और एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि यहां करीब 280 मजदूर रह रहे थे, जिनमें से लगभग 260 लोग सुरक्षित हैं। कितने लोग पानी में बह गए हैं, इसका पता लगाने के लिए एसडीआरएफ और दूसरी टीमें मौके पर राहत और बचाव का काम कर रही हैं।
कुल्लू जिले में बुधवार को सैंज के जीवा नाला, गड़सा घाटी के शिलागढ़ और स्नो गैलरी, मनाली के अंजनी महादेव और बंजार के हुरनगाड में बादल फटने से बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में तीन लोग बह गए। दो गाड़ियां, एक पुल और चार मकान नुकसान में आ गए। सैंज घाटी में बादल फटने से चार मकानों को नुकसान पहुंचा है। इस हादसे में नंद राम, उसकी बेटी यान दासी और रिश्तेदार मूर्ति देवी के बहने की सूचना है। वहीं, जोबानाला में बना बिजली प्रोजेक्ट भी बाढ़ की चपेट में आ गया है।
यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू, केदारनाथ मार्ग कुछ देर बाधित रहा
बारिश की वजह से चारधाम यात्रा के रास्तों पर कई जगह भूस्खलन हो रहा है, जिससे यात्रा बार-बार प्रभावित हो रही है। हालांकि, बुधवार दोपहर 12:30 बजे यमुनोत्री धाम की यात्रा फिर से शुरू कर दी गई है। पैदल रास्ते पर जहां भूस्खलन हुआ था, वहां एसडीआरएफ की निगरानी में यात्रियों को सुरक्षित आगे भेजा जा रहा है।
यमुनोत्री के पैदल मार्ग पर नौकैची के पास भूस्खलन में मलबे के नीचे दबे दो यात्रियों – 11 साल की भाविका शर्मा (निवासी नई दिल्ली) और 35 वर्षीय कमलेश (निवासी ठाणे, मुंबई) – का दो दिन बाद भी कोई पता नहीं चला है। उनकी तलाश अब भी जारी है।
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