2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा! डूम्सडे फिश 2025 में क्यों दिख रही है – क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

क्या डूम्सडे फिश 2025 में क्यों दिख रही है, इसका जवाब इतिहास में छिपा है?
एक ओर सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि डूम्सडे फिश 2025 में क्यों दिख रही है, तो दूसरी ओर ये चर्चा भी जोरों पर है कि 2025 और 1941 का कैलेंडर बिल्कुल एक जैसा है। क्या यह सिर्फ इत्तेफाक है या किसी बड़ी तबाही की दस्तक?


2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा! डूम्सडे फिश 2025 में क्यों दिख रही है – क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
2025 में समुद्र किनारे मृत मिली डूम्सडे फिश (Oarfish) की रहस्यमयी तस्वीर, जिसे आपदा का संकेत माना जा रहा है।

Highlight

  • 2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा
  • डूम्सडे फिश की रहस्यमयी वापसी
  • तमिलनाडु में मिली 30 फीट लंबी ओअरफिश
  • कैलेंडर का मेल या तबाही का संकेत?
सोशल मीडिया पर थ्योरीज़ और डर का माहौल

अब सिर्फ 2025 और 1941 का कैलेंडर ही नहीं, बल्कि समंदर की गहराइयों से निकली रहस्यमयी डूम्सडे फिश 2025 में क्यों दिख रही है, इस सवाल ने भी लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया है। कुछ लोग इसे आने वाली मुसीबतों की निशानी मान रहे हैं, तो कुछ इसे मज़ाक बनाकर मीम्स बना रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लोग इस बात को लेकर तरह-तरह के दावे कर रहे हैं – कोई इसे प्राकृतिक आपदा का संकेत मान रहा है तो कोई कह रहा है कि कुछ बड़ा होने वाला है!

डूम्सडे फिश’ का डर

इन दिनों एक और रहस्यमयी घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में ओअरफिश नाम की एक अजीब समुद्री मछली दिखाई दे रही है। यह मछली आमतौर पर समुद्र की सतह पर नहीं आती, लेकिन मई 2025 से अब तक सिर्फ 20 दिनों में 4 बार इसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कैलिफोर्निया जैसी जगहों पर देखा गया है। तमिलनाडु के मछुआरों ने इस मई में करीब 30 फीट लंबी ओअरफिश पकड़ी, जिसे 7 लोगों ने मिलकर खड़ा किया ताकि उसकी फोटो ली जा सके।

जापानी कहानियों में इसे किसी बड़ी आपदा का संकेत माना जाता है। बताया जाता है कि 2011 में जब यह मछली नजर आई थी, उसके बाद भयानक सुनामी आई थी, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि ओअरफिश के दिखने का कारण समुद्र में हो रहे बदलाव हो सकते हैं, जिन पर अभी शोध चल रहा है। सोशल मीडिया पर इस मछली की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं और लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

इतिहास की याद: 1941 और पर्ल हार्बर

लोगों को डर है कि कहीं 2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा होना किसी बड़े खतरे की ओर इशारा तो नहीं? 1941 में यूरोप पहले से ही युद्ध की चपेट में था, और 7 दिसंबर को जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला कर दिया था। इस हमले में 2,400 से ज़्यादा अमेरिकी मारे गए थे।

अमेरिका की इस हमले के बाद युद्ध में एंट्री ने पूरी जंग की दिशा ही बदल दी थी। इसके बाद दुनिया एक भयानक दौर में चली गई थी, जहां करीब 7 से 8.5 करोड़ लोगों की जान चली गई थी।

अब वही पुरानी तारीखें और हालात देखकर लोग बेचैन हो रहे हैं — कहीं 2025 भी ऐसा ही कोई अंधकारमय समय तो नहीं लाने वाला?

क्या कैलेंडर का मेल खतरे की घंटी है?
2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा
2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा

कई लोग सोच रहे हैं कि 2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा होना किसी बड़ी मुसीबत का इशारा है। लेकिन विशेषज्ञों की राय इससे बिल्कुल अलग है।उनका कहना है कि कैलेंडर का एक जैसा होना किसी डर की बात नहीं है। दरअसल, ये जॉर्जियन कैलेंडर सिस्टम का एक साधारण गणितीय संयोग है। हर कुछ दशकों में ऐसा मेल अपने-आप हो जाता है — और इसका कोई रहस्यमय या खतरनाक मतलब नहीं होता।

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क्या आपको लगता है कि इतिहास खुद को दोहराने वाला है?
डूम्सडे फिश की बार-बार उपस्थिति और 2025 का 1941 से मेल खाता कैलेंडर — क्या ये महज इत्तेफाक है या आने वाले समय का कोई बड़ा संकेत?
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