Chicken Gun Test क्या होता हैं, मरा मुर्गा कैसे बनता है रक्षक?

क्या आप जानते हैं कि लाखों यात्रियों की जान बचाने के लिए मरा हुआ मुर्गा इस्तेमाल होता है? एयर इंडिया की हालिया फ्लाइट दुर्घटना के बाद बर्ड स्ट्राइक पर सवाल उठे हैं, और इसी से जुड़ा है Chicken Gun Test – एक ऐसा टेस्ट जो सुनने में अजीब लगता है, लेकिन है बेहद जरूरी।


Chicken Gun Test क्या होता हैं,मरा मुर्गा कैसे बनता है रक्षक?
प्लेन के इंजन की जांच के लिए मुर्गा क्यों डाला जाता है?

Highlight
  • Chicken Gun Test से होती है विमान की सेफ्टी जांच
  • बर्ड स्ट्राइक बना सकता है बड़ा खतरा
  • DGCA ने टकराव की आशंका खारिज की
  • तेज़ रफ्तार से मरे मुर्गे को टकराया जाता है

हाल ही में अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई थी। शुरू में यह अंदेशा जताया गया था कि शायद प्लेन से किसी पक्षी की टक्कर (बर्ड स्ट्राइक) हुई है। लेकिन शुरुआती जांच रिपोर्ट में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया है, क्योंकि घटनास्थल से किसी भी पक्षी के टकराने या उसकी मौत के सबूत नहीं मिले

हालांकि इस मामले में बर्ड स्ट्राइक नहीं हुआ, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि अगर ऐसा हो जाए तो इसका खतरा कितना बड़ा हो सकता है? और ऐसे हादसों से विमानों को कैसे बचाया जाता है?

क्या है बर्ड स्ट्राइक टेस्ट और Chicken Gun Test?

ऐसे संभावित खतरों से विमान को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्लेन बनाने वाली कंपनियां एक खास तरह का टेस्ट करती हैं, जिसे ‘बर्ड स्ट्राइक टेस्ट’ कहा जाता है। इस टेस्ट की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें मरे हुए मुर्गे को एक खास एयर गन से विमान के जरूरी हिस्सों पर मारकर टकराया जाता है, जैसे इंजन, विंडशील्ड (सामने का शीशा) और पंख। यह तरीका सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह एक पूरी तरह से वैज्ञानिक और मान्य प्रक्रिया है। इसे ही Chicken Gun Test के नाम से जाना जाता है।

बर्ड स्ट्राइक कितना खतरनाक हो सकता है?

जब कोई विमान उड़ान भरता है या लैंड करता है, तब उसकी रफ्तार करीब 300 से 500 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इतनी तेज़ गति पर अगर कोई पक्षी विमान से टकरा जाए, तो इसका असर बहुत गंभीर हो सकता है। अगर कोई पक्षी कॉकपिट के शीशे से टकरा जाए, तो वह शीशे को नुकसान पहुंचा सकता है — जैसे उसे चटका देना या पूरी तरह तोड़ देना। ऐसे हादसों से बचाव के लिए Chicken Gun Test का रोल अहम होता है।

कैसे किया जाता है Chicken Gun Test?

इस टेस्ट के लिए विमान के जरूरी हिस्सों — जैसे इंजन, विंडशील्ड या पंख (विंग) — को एक मजबूत फ्रेम पर फिट किया जाता है। इसके बाद मरा हुआ मुर्गा, जेल से बनी बॉल या नकली पक्षी को एक तेज रफ्तार एयर गन (एयर कैनन) से उन हिस्सों पर मारा जाता है। असली मुर्गा इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि उसका आकार और वजन आम पक्षियों जैसा होता है, जो उड़ान के दौरान सामने आ सकते हैं।

इस टक्कर को हाई-स्पीड कैमरों से रिकॉर्ड किया जाता है, ताकि यह देखा जा सके कि टक्कर से कितनी क्षति हुई। फिर यह जांचा जाता है कि इंजन, विंग या विंडशील्ड को कोई गंभीर नुकसान हुआ है या नहीं। अगर कोई बड़ा नुकसान नहीं पाया जाता, तो उस हिस्से को उड़ान के लिए सुरक्षित माना जाता है। यही वजह है कि हर एयरक्राफ्ट कंपनी Chicken Gun Test को गंभीरता से लेती है।

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इंजन को भी देनी होती है अग्निपरीक्षा

सिर्फ विंडशील्ड ही नहीं, बल्कि विमान के इंजन की भी कड़ी जांच होती है। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नियमों के मुताबिक, अगर कोई पक्षी इंजन में घुस भी जाए, तो इंजन को कम-से-कम 2 मिनट तक 75% ताकत के साथ काम करते रहना चाहिए। ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि प्लेन इमरजेंसी में सुरक्षित लैंडिंग कर सके।

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