- मणिपुर में तनाव फिर चरम पर: मणिपुर मेइती नेता गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा, कर्फ्यू और इंटरनेट बंद
- प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल डाल कर खुद को जलाने की भी कोशिश की

मणिपुर हिंसा: मणिपुर मेइती नेता गिरफ्तारी के बाद फूंकी गईं गाड़ियां, कर्फ्यू लागू, इंटरनेट सेवा बंद
मणिपुर में मेइती संगठन ‘अम्बाई देंगील’ के नेता कनन सिंह की गिरफ्तारी के बाद राज्य के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। हालात बिगड़ने के चलते कई जगहों पर तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने इंफाल घाटी के पांच जिलों—इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बौबल, विष्णुपुर और काकचिंग—में कर्फ्यू (निषेधाज्ञा) लागू कर दी है। इसके साथ ही मोबाइल डेटा और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं, जिनमें वीपीएन और वीसैट जैसी सेवाएं भी शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों ने क्याफीथेल और उरीपेक इलाकों में सड़क के बीच टायर और फर्नीचर जलाकर रास्ता बंद कर दिया। इंफाल के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई। इंफाल पूर्वी जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया। कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और कुछ ने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगाने की भी कोशिश की। पुलिस ने इन घटनाओं की जानकारी दी है।
सीबीआई की बड़ी कार्रवाई: मणिपुर मेइती नेता गिरफ्तारी के बाद
सीबीआई ने रविवार को मणिपुर के इंफाल एयरपोर्ट से मेइती संगठन के एक प्रमुख नेता को गिरफ्तार किया। उस पर 2023 में हुई मणिपुर जातीय हिंसा से जुड़े कई गंभीर आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उसे गुवाहाटी ले जाया गया, जहां उसे अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस हिरासत (रिमांड) की मांग की जाएगी।
राज्य के कई इलाकों में बढ़ा तनाव
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। सुरक्षा कारणों की वजह से इन मामलों की सुनवाई मणिपुर से हटाकर गुवाहाटी ट्रांसफर कर दी गई है। जैसे ही मणिपुर मेइती नेता गिरफ्तारी की खबर फैली, इंफाल शहर में माहौल तनावपूर्ण हो गया।
स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन ने इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, बौबल, विष्णुपुर और ककचिंग जिलों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है, ताकि किसी भी तरह की हिंसा या गड़बड़ी से बचा जा सके।
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राजभवन की सुरक्षा बढ़ाई गई
सुरक्षाबलों ने राजभवन से करीब 200 मीटर दूर कंगला गेट के पास जुटे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। हालात को देखते हुए राजभवन की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। साथ ही, केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती भी की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
2023 से जारी हिंसा, फिर लगा राष्ट्रपति शासन
मई 2023 से मणिपुर में मेइती और कुकी-जी समुदायों के बीच जातीय टकराव लगातार जारी है। इस हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। सैकड़ों घर और दुकानें जला दी गईं, कई गांवों को खाली कराना पड़ा। स्कूल, कॉलेज और बाजारों पर भी इसका असर पड़ा है।
राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती रही। इसी बीच, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ दिन बाद, 13 फरवरी 2024 को केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया।
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